डीमैट खाता खुलने की रफ्तार में आई भारी गिरावट
शेयर बाजार में डीमैट खाता खुलने की रफ्तार में आई गिरावट एक बार फिर धीमी हो गई रफतार, मासिक आधार पर डीमैट खाता खोलने की दर अप्रैल में 16 लाख के आसपास पहुंच गई, जो पिछले साल दिसंबर 2020 के बाद से सबसे कम दर है।
इससे पहले मार्च में भी खाता खोलने की संख्या मार्च 2020 के स्तर पर पहुंच गई थी। मार्च महीने में करीब 19 लाख डीमैट खाता खोले गए।
विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक केंद्रीय बैंकों ने लगातार ब्याज दरें बढ़ाई हैं। इसके साथ ही यूक्रेन-रूस युद्ध, बढ़ती महंगाई दर और विकसित देशों में बैंकिंग संकट ने निवेशकों की धारणा को कमजोर किया।

पिछले फाइनेंसियल वर्ष 2022 की तुलना में इस फाइनेंसियल वर्ष 2023 में डीमैट खाता खुलने की संख्या भारी कमजोर रही है।
जबकि वित्त वर्ष 2022 में हर महीने औसतन 29 लाख नए डीमैट खाते खोले गए; जबकि, वित्त वर्ष 2023 में हर महीने औसतन 20 लाख नए डीमैट खाते थे। हालांकि, यह फाइनेंसियल वर्ष 2023 में बहोत सुस्त बाजार रिटर्न और लगातार अस्थिरता के बावजूद था।
हाल ही में चल रहे वैश्विक संकट और बैंकिंग सेक्टर के संकट के कारण काफी आईटी शेयरों में भारी गिरावट आई है, जिससे डीमैट खाता खोलने की गति भी धीमी हो गई है।
डीमैट खातों में सक्रिय ग्राहकों और खुदरा भागीदारों की संख्या में भी कमी आई है।
वित्त वर्ष 2022 की तुलना में डीमैट खाता खोलने की गति धीमी हुई है क्योंकि उस दौरान डीमैट खातों की संख्या में 63 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इस बीच निवेशकों का रुझान म्यूचुअल फंड में निवेश की तरफ बढ़ता नजर आ रहा है.
वित्त वर्ष 2023 में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान्स के जरिए निवेश में 25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस वृद्धि के साथ, SIP के माध्यम से निवेश रु। 1.56 लाख करोड़ हो गया है।
यह आंकड़े एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले फाइनेंसियल वर्ष 2021-22 में एसआईपी के जरिए रु. 1,24,00,000 करोड़ की वसूली हुई, जबकि 20-21 में रु. 96,080 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।
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